उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में कल देर रात आठ पुलिस कर्मी को बदमाशो ने गोली मार दी,बताया जाता है,कल रात 1 बजे उत्तर प्रदेश के नामी बदमाश विकास दुबे को पुलिस घेरा बंदी करके पुलिस पकड़ने गयी थी ,लेकिन इसकी सूचना विकास दूबे को पहले से मिल गयी है ,जैसे विकास दूबे को पुलिस पकड़ने गयी पहले से घात लगाये बदमाशो ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग करना शुरू कर दिया ,
इस गोलीबारी के दौरान एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार 6 पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया, “कानपुर के एक शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के यहां दबिश डालने के लिए पुलिस चौबेपुर थाना क्षेत्र के दिकरू गांव गई थी. पुलिस को रोकने के लिए इन्होंने पहले से ही जेसीबी लगाकर रास्ता रोक रखा था.”
“पुलिस दल के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से फ़ायरिंग शुरू कर दी, जिसमें पुलिस के 8 लोग शहीद हो गए. इसमें एक डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र, तीन सब इंस्पेक्टर और चार कॉन्स्टेबल हैं. घटनास्थल पर एडीजी क़ानून व्यवस्था पहुँच रहे हैं. एसएसपी और आईजी मौक़े पर हैं. कानपुर की फ़ोरेंसिक टीम जाँच कर रही है. एसटीएफ़ भी लगा दी गई है.”
मुठभेड़ में कम से कम छह पुलिस कर्मी घायल भी हुए हैं जिन्हें कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक पुलिसकर्मी की हालत काफ़ी गंभीर बताई जा रही है.
डीजीपी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे पर 60 मुक़दमे दर्ज हैं और पिछले दिनों कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उन पर 307 का एक मुकदमा दर्ज कराया था. उसी सिलसिले में पुलिस विकास दुबे को पकड़ने के लिए उनके गांव बिकरू गई थी जहां पुलिस टीम के साथ उनकी मुठभेड़ हुई.
बताया जाता है घर के अंदर खींचकर सीओ के सिर में मारी गोली, और को पीट-पीटकर उतारा मौत के घाट.
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कानपुर मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों को सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस टीम और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद 8 पुलिसकर्मियों को सीएम योगी ने श्रद्धांजलि दी है। सीएम योगी ने पुलिसकर्मियों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घटना पर दु:ख जताया है। वहीं इस घटना के बाद यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी कानपुर भेजे गए हैं।
जाने कौन है विकास दूबे ,जिसने की आठ पुलिस कर्मियों की हत्या
उत्तर प्रदेश (Vikash Dubey) के कानपुर (Kanpur) में आठ पुलिसकर्मियों के मारने वाला विकास दुबे (Vikas Dubey) हिस्ट्रीशीटर अपराधी है। विकास दुबे (History Sheeter Vikash Dubey) में 60 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं। उसका आपराधिक इतिहास रहा है। उसकी हर राजनीतिक दलों में कड़ी पैठ रही है। वह अपने किले जैसे घर में बैठकर बड़ी-बड़ी वारदातें करवा देता था।
विकास दुबे की पैठ हर राजनीतिक दल पर होती थी इसी वजह से आज तक उसे नहीं पकड़ा गया। विकास दुबे कई राजनीतिक दलों में भी रहा है। बिठूर के शिवली थाना क्षेत्र के बिकरु गांव का रहने वाला है। उसने अपने घर को किले की तरह बना रखा है। यहां उसकी मर्जी के बिना घुस पाना बहुत ही मुश्किल है।
थाने में घुसकर की थी दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या
विकास दुबे इतना दबंग रहा है कि उसे किसी कानून का डर नहीं है। 2001 में विकास ने थाने के अंदर घुसकर बीजेपी के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। संतोष शुक्ला हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था लेकिन पुलिस से लेकर कानून तक उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाया।
किसी पुलिसवाले ने नहीं दी थी गवाही
विकास दुबे किसी फिल्मी खलनायक से कम नहीं है। बताया जा रहा है कि थाने में घुसकर राज्यमंत्री की हत्या का आरोप लगने के बावजूद भी उसका कुछ नहीं हुआ। बताया जाता है कि इतनी बड़ी वारदात होने के बाद भी किसी पुलिसवाले ने विकास के खिलाफ गवाही नहीं दी। कोई साक्ष्य कोर्ट में नहीं दिया गया, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
चचेरे भाई की हत्या समेत कई में आया नाम
विकास दुबे इसके अलावा 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या के मामले में भी विकास दुबे को नामजद किया गया था। इसी साल उसके ऊपर रामबाबू यादव की हत्या के मामले में साजिश रचने का आरोप लगा था। यह साजिश उसने जेल से बैठकर रची थी। 2004 में एक केबल व्यवसाई दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास का नाम आया था। 2013 में भी विकास दुबे ने हत्या की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था।
जेल में बैठे-बैठे ही भाई को मरवा दिया
2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला करवाया था। अनुराग की त्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
जेल से जीता था चुनाव
विकास दुबे जेल में रहने के दौरान ही चुनाव लड़ा था और शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीता भी था। बताया जा रहा है कि बीएसपी के कार्यकाल में उसकी बीएसपी में कड़ी पैठ थी। जेल से ही वह हत्याएं समेत कई वारदातों को अंजाम दिलवा देता था।