महिला आरक्षण बिल क्या है इन हिंदी (Women Reservation Bill)
महिला आरक्षण बिल क्या है ,What is Women Reservation Bill ,महिला आरक्षण बिल पास,महिला आरक्षण बिल इन हिंदी,महिला आरक्षण बिल के मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन लागू किया जाएगा. लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. ये रिजर्वेशन 15 साल तक रहेगा ,इसका नया नाम लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण देने वाले बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया
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महिला आरक्षण बिल क्या है :केंद्र सरकार की ओर से 19 सितंबर 2023 को नए संसद भवन में पहला विधेयक महिला आरक्षण बिल पेश किया गया था .संसद के निचले सदन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला ये बिल पेश किया था |
महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है. तो चलिए जानते है कि महिला आरक्षण बिल क्या है (What is Women Reservation Bill )
महिला आरक्षण बिल के फायदे (Benefit Of Women Reservation Bill)
महिला आरक्षण बिल क्या है :केंद्र सरकार की ओर से 19 सितंबर 2023 को नए संसद भवन में पहला विधेयक महिला आरक्षण बिल पेश किया गया था .संसद के निचले सदन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला ये बिल पेश किया था तो चलिए जानते है विस्तार से कि महिला आरक्षण बिल क्या है (What is Women ) और इसके फायदे क्या है
इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में से एक-तिहाई सीटें एससी-एसटी समुदाय से आने वाली महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. इन आरक्षित सीटों को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अलग-अलग क्षेत्रों में रोटेशन प्रणाली से आवंटित किया जा सकता है.
महिला आरक्षण बिल का इतिहास
आपको बता दे महिला आरक्षण बिल 27 साल से अटका पड़ा था. 1996 में एचडी देवेगौड़ा की सरकार में इस बिल को पहली बार लाया गया था. साल 2010 में ये बिल यूपीए सरकार में राज्यसभा से पास भी हो गया था, लेकिन लोकसभा में इसे पेश नहीं किया गया.लेकिन इस बार महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पास कर दिया गया |
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महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास, समर्थन में 454 वोट,मात्र 2 वोट विरोध में पड़े
महिला आरक्षण बिल पास :लोकसभा और राज्यसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी-शक्ति वंदन अधिनियम यानी महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में ज्यादातर दलों का समर्थन मिला. विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 2 मत पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद ट्वीट किया कि इस अभूतपूर्व समर्थन के साथ लोकसभा में बिल पारित होने पर खुशी हुई. उधर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के सचिव पद पर तैनात अफसरों में अन्य पिछड़ा वर्ग के अफसरों की तैनाती नहीं होने का सवाल उठाया.
जाने महिला आरक्षण बिल कब से लागू होगा ?
महिला आरक्षण बिल क्या है :इसके लागू होने में लंबा वक्त लग सकता है. बताया जा रहा है कि जनगणना के जब परिसीमन होगा, तब ये कानून लागू होगा. यानी, 2024 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं होगा.
परिसीमन कब होगा?
जब तक जनगणना नहीं हो जाती, तब तक परिसीमन नहीं होगा. अभी 2021 की जनगणना नहीं हुई है. 2024 के चुनाव के बाद ही जनगणना होने की संभावना है. संविधान के तहत, 2026 तक परिसीमन पर रोक लगी है. अब जब 2021 की जनगणना होगी, उसके बाद ही लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा. हो सकता है कि 2029 या फिर 2034 के लोकसभा चुनाव में महिला आरक्षण का फायदा मिले.
राज्यों की मंजूरी लेनी होगी क्या?
संविधान का अनुच्छेद-368 कहता है कि अगर केंद्र सरकार के कानून से राज्यों के अधिकारों पर कोई प्रभाव पड़ता है तो ऐसे मामलों में कानून बनने के लिए कम से कम 50% विधानसभाओं की मंजूरी लेनी होगी. यानी कि अगर केंद्र सरकार को ये कानून देशभर में लागू करना है तो इसे कम से कम 14 राज्यों की विधानसभाओं से भी पास कराना होगा. हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि इसकी जरूरत नहीं होगी.